चंडीगढ़ कूच के दौरान हादसे में अपनी टांग गंवाने वाले युवा किसान रविंदर सिंह को इंसाफ दिलाने के लिए अंबाला में धरने पर बैठे किसानों की मुख्य मांगें सरकार ने मान ली हैं। सरकार रविंदर सिंह को सरकारी नौकरी और इलाज का खर्च देगी। साथ ही किसानों पर चंडीगढ़ कूच के सिलसिले में दर्ज हुए केस रद्द किए जाएंगे। इन मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन – शहीद भगत सिंह के नेतृत्व में 23 अगस्त से अंबाला अनाज मंडी में धरना चल रहा था।
रविवार को जिला प्रशासन ने प्रदर्शनकारी किसानों से वार्ता कर सरकार की तरफ से प्रमुख मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। इसके बाद बीकेयू – शहीद भगत सिंह ने 10 दिनों से चल रहा धरना समाप्त करने और 5 सितंबर को होने वाली किसान महापंचायत स्थगित करने का ऐलान किया।
इन मांगों पर सहमति
- चंडीगढ़ कूच के दौरान पैर गंवाने वाले युवा किसान रविंदर सिंह को सरकार पक्की नौकरी और इलाज का पूरा खर्च देगी
- किसानों पर चंडीगढ़ कूच के लिए 20 अगस्त के बाद जितने भी केस दर्ज हुए, सभी रद्द होंगे
- गन्ने का बकाया करीब 40 करोड़ रुपये का भुगतान एक महीने के अंदर होगा
भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के अध्यक्ष अमरजीत सिंह मोहड़ी ने इसे किसानों के संघर्ष की जीत बताते हुए कहा कि सरकार के ऐलान के बाद 5 सितंबर को होने वाली किसान इंसाफ महापंचायत स्थगित कर दी गई है। नौजवान किसान रविंदर सिंह को इंसाफ दिलाने के लिए किसान इंसाफ महापंचायत रखी थी। अब सरकार की ओर से मांगें मानने पर इसे स्थगित कर दिया है।
