प्याज निर्यात पर प्रतिबंध के बाद महाराष्ट्र में किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है। मामला इतना बढ़ चुका है कि किसानों को बेहद कम कीमत में अपनी प्याज की फसल को बेचना पड़ रहा है। अब इसी मुद्दे को लेकर शुक्रवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सड़क पर उतर आई । पुणे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सांसद अमोल कोल्हे ने शेतकारी आक्रोश मोर्चा कार्यक्रम के दौरान यह दावा कि प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से प्याज उत्पादकों को 1,200 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
प्याज किसानों को भारी नुकसान
महाविकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन द्वारा आयोजित किसान मार्च की अगुवाई कर रहे कोल्हे ने पुणे के खेडकी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र ने ऐसे समय प्रतिबंध की घोषणा की जब किसानों को लगा था कि उन्हे प्याज की उपज के लिए अच्छा दाम मिलेगा। शिरूर से सांसद कोल्हे ने कहा कि प्याज उत्पादकों को इस फैसले के बाद 1,200 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। कोल्हे ने इस संबंध में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा। राकांपा नेता ने कहा कि एक ओर शिंदे का दावा है कि उनकी सरकार किसानों से जुड़ी है जबकि दूसरी ओर उन्होंने और उपमुख्यमंत्रियों ने प्याज के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटाने की मांग नहीं की है। और न ही राज्य सरकार ने केंद्र से निर्यात प्रतिबंध पर दोबारा विचार करने के लिए नहीं कहा।
मार्च 2024 तक प्रतिबंध
केंद्र ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और दामों पर लगाम लगाए रखने के लिए 31 मार्च 2024 तक के लिए प्याज के निर्यात पर रोक लगा रखा है। इस बीच महाराष्ट्र में प्याज को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्याज उत्पादकों का कहना है कि एक तरफ फसल खराब हुई है, दूसरे तरफ सरकार प्रतिबंध लगाकर उन्हें नुकसान पहुंचा रही है। सरकार ने बफर स्टॉक के लिए प्याज की अतिरिक्त खरीद का ऐलान भी किया। कृषि मंत्री अजुर्न मुंडा भी भरोसा दिला चुके हैं कि सरकार पूरे मामले पर नजर रखी हुई है और किसानों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि केंद्र सरकार किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।