केंद्र सरकार ने साल 2024 के आम चुनावों के पहले कृषि क्षेत्र के दो दिग्गजों को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न (मरणोपरांत) देने की घोषणा की है। इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भी मरणोपरांत भारत रत्न देने का ऐलान किया गया है। नरेंद्र मोदी ने तीनों शख्सियतों को देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान देने की जानकारी सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरों के साथ शेयर करके दी।
चौधरी चरण सिंह ने दिए किसानों को अधिकार
चौधरी चरण सिंह देश के पांचवें और नरसिम्हा राव नौवें प्रधानमंत्री थे। चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के ऐलान के बाद उनके पोते और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के प्रमुख जयंत चौधरी ने लिखा- दिल जीत लिया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हापुड़ से आने वाले चौधरी चरण सिंह ने देश की राजनीति में बड़ा स्थान हासिल किया।
चरणसिंह आजादी से पहले 1940 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में शामिल रहे और जेल भी गए। उन्होंने जुलाई 1952 जमींदारी प्रथा के उन्मूलन में अहम भूमिका निभाई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने पहली बार 3 अप्रैल 1967 को पद की शपथ ली। अप्रैल 1968 में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद मध्यावधि चुनाव में उन्हें बड़ी सफलता मिली। फरवरी 1970 को उन्होंने दोबारा प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 1979 में चौधरी चरण समाजवादियों और कांग्रेस यू के सहयोग से प्रधानमंत्री बने। वह देश के गृहमंत्री भी रहे। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन खपाया।
मुख्यमंत्री के रूप में जोत अधिनियम, 1960 को लाने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।यह अधिनियम जमीन रखने की अधिकतम सीमा को कम करने के उद्देश्य से लाया गया था, ताकि राज्य भर में इसे एक समान बनाया जा सके।
उन्होंने कई किताबें एवं रूचार-पुस्तिकाएं लिखीं, जिसमें ‘ज़मींदारी उन्मूलन’, ‘भारत की गरीबी और उसका समाधान’, ‘किसानों की भूसंपत्ति या किसानों के लिए भूमि, ‘प्रिवेंशन ऑफ़ डिवीज़न ऑफ़ होल्डिंग्स बिलो ए सर्टेन मिनिमम’, ‘को-ऑपरेटिव फार्मिंग एक्स-रेड’ आदि प्रमुख हैं।
हरित क्रांति के जनक
एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न का ऐलान करते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि यह बेहद खुशी की बात है कि भारत सरकार कृषि और किसानों के कल्याण में हमारे देश में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. एमएस स्वामीनाथन जी को भारत रत्न से सम्मानित कर रही है।
असल में स्वामीनाथन ने कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में हम प्रयास किए। एक अन्वेषक और संरक्षक के रूप में और कई छात्रों के बीच सीखने और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने वाले उनके अमूल्य काम को भी पहचानते हैं। स्वामीनाथन ने देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि भी सुनिश्चित की है।