देहरादून। भर्ती परीक्षाओं में धांधलियां रोकने के तमाम दावे ध्वस्त हो गये। तीन दिन पहले हुई पटवारी भर्ती परीक्षा का पेपर भी लीक हो गया। इस मामले में उत्तराखंड एसटीएफ ने हरिद्वार के कनखल थाने में केस दर्ज कर पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें उत्तराखंड लोक सेवा आयोग का अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी और उसकी पत्नी भी शामिल है। मामले के खुलासे के बाद लोक सेवा आयोग ने पटवारी/लेखपाल परीक्षा निरस्त कर दी है। दोबारा 12 फरवरी को यह परीक्षा होगी।
सेक्शन ऑफिसर ने पत्नी के जरिये किया पेपर लीक
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के गोपनीय विभाग में कार्यरत अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने पटवारी परीक्षा से पहले पेपर लीक कर अपनी पत्नी ऋतु के जरिये कई अभ्यर्थियों तक पहुंचा दिया था। बिहारीगढ़ और लक्सर क्षेत्र के लगभग 35 अभ्यर्थियों को यह पेपर उपलब्ध कराया गया। परीक्षा से पहले इन अभ्यर्थियों को पेपर की तैयारी करवाई गई थी। एसटीएफ ने संजीव चतुर्वेदी के पास से पेपर लीक कर अवैध तरीके से जुटाए गए साढ़े 22 लाख रुपये, अभियुक्त राजपाल से 10 लाख रुपये, संजीव से 8 लाख रुपये और रामकुमार से 1 लाख रुपये नकद, प्रश्नो की प्रति और ब्लैंक चेक बरामद किये हैं।
धांधली रोकने के दावे ध्वस्त
गत 8 जनवरी को पटवारी/लेखपाल परीक्षा का आयोजन किया गया था। प्रदेश के करीब सवा लाख अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा में भाग लिया था। इस परीक्षा का जिम्मा यूकेएसएसएससी (UKSSSC) से लेकर यूकेपीएससी (UKPSC) को सौंपा गया था। दावा किया जा रहा था कि इस बार परीक्षा में कोई धांधली नहीं होगी। लेकिन उत्तराखंड लोक सेवा आयोग भी पेपर लीक होने से नहीं रोक पाया।
पेपर लीक और भर्तियों में धांधलियों को लेकर उत्तराखंड की धामी सरकार चौतरफा आलोचनाओं से घिरी है। अब पटवारी परीक्षा का पेपर लीक होने से उम्मीदवारों की मेहनत पर पानी फिरता दिख रहा है। इस मामले से उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में हडकंप मचा है।
12 फरवरी को दोबारा परीक्षा
आयोग की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, सेक्शन ऑफिसर संजीव चतुर्वेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए 8 जनवरी को हुई पटवारी/लेखपाल परीक्षा निरस्त कर दी गई है। यह परीक्षा दोबारा 12 फरवरी, 2023 को आयोजित करायी जाएगी।
35 अभ्यर्थियों को हुआ पेपर लीक
गिरफ्तार किए गये अभियुक्तों में राजपाल और संजीव कुमार गागलहेडी, सहारनपुर के हैं जबकि तीसरा अभियुक्त रामकुमार लक्सर, हरिद्वार का रहने वाला है। आरोप हैं कि संजीव और राजपाल ने नगद धनराशि देकर संजीव चतुर्वेदी की पत्नी के माध्यम से पेपर खरीदा और राजकुमार के जरिये अभ्यर्थियों को उपलब्ध कराया। बिहारीगढ के पास स्थित माया अरुण रिजार्ट और लक्सर के ग्राम सेठपुर सहित कई जगहों पर अभ्यर्थियों को यह पेपर पढ़ाया गया। मामले में एसटीएफ की छानबीन जारी है और अभी कई गिरफ्तारियां हो सकती हैं। इस मामले से भर्ती परीक्षाओं में धांधली रोकने के सरकार के दावों को बड़ा झटका लगा है।
