मोदी सरकार को अगले 7 साल में कृषि निर्यात डबल होने की उम्मीद है। इसका मतलब यह है कि साल 2030 तक कृषि निर्यात 50 अरब डॉलर से बढ़कर 100 अरब डॉलर हो जाएगा। सरकार का यह बयान ऐसे समय आया है, जब उसने चावल, गेहूं, प्याज और चीनी सहित कई प्रमुख खाद्य वस्तुओं के निर्यात पर अंकुश लगा रखा है। ऐसी संभावना है कि इन अंकुशों की वजह से भारत के निर्यात में 4-5 अरब डॉलर की कमी आ सकती है। हालांकि इसके बावजूद वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि इस साल कृषि निर्यात 53 अरब डॉलर के स्तर से अधिक रहेगा।
कैसे बढ़ेगा निर्यात
दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी खाद्य और पेय प्रदर्शनी इंडसफूड मेला-2024 में वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा है कि मुझे पूरा भरोसा है कि आज भारत का 50 अरब डॉलर का निर्यात वर्ष 2030 तक दोगुना होकर लगभग 100 अरब डॉलर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘रेडी-टू-ईट’जैसे उत्पादों की मांग बढ़ने की काफी संभावनाएं हैं।
वहीं वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि चावल, गेहूं और चीनी सहित कुछ प्रमुख वस्तुओं की खेप पर लगाए गए अंकुशों के बावजूद चालू वित्त वर्ष में देश का कृषि निर्यात पिछले साल के 53 अरब डॉलर के स्तर से अधिक रहेगा। गोयल ने यह भी कहा कि किसानों को बेहतर मूल्य प्रदान करने, रोजगार पैदा करने और देश की कमाई बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर खाद्य प्रसंस्करण, उत्पाद ब्रांडिंग और निर्यात पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है। 158 खाद्य और कृषि उत्पादों को भौगोलिक संकेतक (जीआई) के दर्जे दिए गए हैं, और उनके प्रचार के लिए एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल के तहत 708 खाद्य पदार्थों की पहचान की गई है।
90 देशों की दिग्गज कंपनियां शामिल
भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद के अध्यक्ष मोहित सिंगला ने बताया कि दुनिया भर से लगभग 90 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 1,200 से अधिक प्रदर्शक और 7,500 से अधिक खरीदार तीन दिवसीय शो में भाग ले रहे हैं। इसमें कैरेफोर, खिमजी रामदास, ग्रैंड हाइपरमार्केट, नेस्टो, मुस्तफा, एक्स5, लुलु, अल्माया ग्रुप और स्पार जैसी 80 से अधिक रिटेल चेन कंपनियां भाग ले रही हैं।