देश में चीनी उत्पादन में गिरावट की आशंका को देखते हुए सरकार शुगर मिल, स्टॉकिस्ट, थोक विक्रेताओं के लिए नई व्यवस्था लाने की तैयारी कर रही है। जिससे चीनी की कीमतों को कंट्रोल में रखा जा सके। सरकार इसके तहत एक ऐसा सिस्टम डेवलप कर सकती है, जिससे सरकार को चीनी की उपलब्धता की सटीक जानकारी मिल सके। नए सिस्टम में शुगर मिल को मासिक आधार पर हर खरीदार की चीनी खरीद मात्रा और स्टॉक डिटेल शेयर करनी होगी। नई व्यवस्था में राज्य सरकारों की भी अहम भूमिका होगी। जिससे कि चीनी के स्टॉक की वास्तविक स्थिति का अंदाजा लगाया जा सके। अगर इससे बात नहीं बनती है तो आने वाले समय में सरकार गेहूं की तरह चीनी के लिए स्टॉक लिमिट तय करेगी। इस समय रिटेल बाजार चीनी कीमतें 42-44 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं। और मानसून की बिगड़ी चाल के कारण उत्पादन कम होने की आशंका है।
पोर्टल पर देनी होगी जानकारी
शुगर मिल को मासिक आधार पर हर खरीदार की डिटेल शेयर करनी होगी। इसके अलावा खरीदार का पैन नंबर, जीएसटी और मोबाइल नंबर भी एक खास पोर्टल पर अपडेट करना होगा। जिससे सरकार को बाजार में चीनी की उपलब्धता और खपत का सही पता लग सके। नई व्यवस्था में राज्य सरकारों की भूमिका भी अहम होगी। जिससे चीनी के स्टॉक की वास्तविक स्थिति का अंदाजा लगाया जा सके।
सितंबर में भी उठाया था कदम
चीनी की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए दो महीने पहले सितंबर में खाद्य मंत्रालय ने चीनी मिलों को हर महीने बेची जाने वाली चीनी की मात्रा का ब्यौरा देने को कहा था। जिससे चीनी व्यापारियों, डीलर, थोक विक्रेताओं, रिटेलर्स और प्रोसेसरों के पास चीनी के स्टॉक का पूरा डाटा रखा जा सके। लेकिन पिछले 2 महीनों में राज्य सरकार द्वारा उम्मीद के अनुसार निगरानी नहीं रख पाने की बातें सामने आई है। अनुमान के मुताबिक, चालू चीनी सीजन (अक्टूबर-सितंबर) में 290 लाख टन उत्पादन होने की उम्मीद है। जबकि उसके मुकाबले घरेलू खपत 280 लाख टन होने की संभावना है।