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पर्यावरण

मानसून के तुरंत बाद बर्फबारी शुरू, मौसम का बदला मिजाज

मंगलवार को उत्तराखंड के हेमकुंड साहिब में हुई बर्फबारी
मंगलवार को उत्तराखंड के हेमकुंड साहिब में हुई बर्फबारी

उत्तर भारत से मानसून विदा हुए अभी एक सप्ताह भी नहीं गुजरा कि पहाड़ों से बर्फबारी की तस्वीरें आने लगी हैं। उत्तराखंड में हेमकुंड साहिब के साथ ही बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के आसपास ऊंची चोटियों पर बारिश के साथ हल्की बर्फबारी हुई। हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में बर्फबारी की खबर है। मौसम विभाग के वैज्ञानिक इस बर्फबारी के पीछे पश्चिमी विक्षोभ को वजह मानते हैं। लेकिन बरसात के तुरंत बाद जिस तरह अचानक सर्दियों ने दस्तक दी, वह अप्रत्याशित है।

मानसून सीजन जून से सितंबर तक माना जाता है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में उत्तर भारत से मानसून लौटने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस बार भी 6 अक्टूबर को मानसून उत्तर भारत से वापस लौट गया था। लेकिन 9 और 10 अक्टूबर को मौसम ने अचानक करवट ली और पहाड़ों पर बारिश के साथ हल्की बर्फबारी का सिलसिला शुरू हो गया। पर्वतीय राज्यों से लगते मैदानी इलाकों में भी सुबह-शाम ठंड बढ़ गई है।

मानसून के तत्काल बाद बर्फबारी की शुरुआत मौसम के बदले मिजाज की आहट है। पिछले महीने तक हिमाचल में भारी बारिश से तबाही की खबरें आ रही थीं, अब बर्फबारी सुर्खियों में है। मंगलवार को उत्तराखंड के हेमकुंड साहिब और बद्रीनाथ धाम के आसपास ऊंची चोटियों पर बारिश के साथ मौसम का पहला हिमपात हुआ। बर्फ देखकर पर्यटक उत्साहित हैं। सर्दियों के जल्द आगाज से पर्यटन उद्योग को अच्छे कारोबार की उम्मीद है। लेकिन दूसरा पक्ष यह भी है कि बरसात और सर्दियों के बीच का अंतराल बेहद कम रहा है।

हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के बाद मनाली-लेह हाईवे पर यातायात कई घंटे बंद रहा। प्रदेश के लाहौल-स्पीति, चंबा, शिमला और किन्नौर जिलों में बर्फबारी हुई है। शिमला जिले की चांशल घाटी में इतनी जल्दी बर्फबारी पिछले एक दशक में कभी नहीं देखी गई। शिमला में मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल का कहना है कि अभी हुई बर्फबारी हल्की है लेकिन मौसम में अचानक आए बदलाव से तापमान 6 डिग्री तक कम हो गया है। 14 अक्टूबर के बाद पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना है।  

देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह का कहना है कि मानसून की विदाई के बाद पश्चिमी विक्षोप के कारण अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फबारी हो सकती है। प्रदेश में कुछ स्थानों पर हुई बारिश इसी का नतीजा है। अगले दो-तीन मौसम सामान्य रहेगा, लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के कारण 17 अक्टूबर के आसपास कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है।

केदार घाटी में बारिश और ऊंची चोटियों पर बर्फबारी के बावजूद तीर्थ यात्रियों की भीड़ उमड़ रही है। अचानक बढ़ी ठंड को देखते हुए यात्रियों के लिए शेल्टर और अलाव आदि की व्यवस्था की जा रही है। नीलकंठ और नर नारायण पर्वत पर सीजन के पहले हिमपात के साथ बद्रीनाथ धाम में भी ठंड बढ़ गई।

14 अक्टूबर के बाद बारिश व बर्फबारी की संभावना

मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से 14 से 17 अक्टूबर के बीच जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा, पश्चिमी यूपी और राजस्थान के कहीं-कहीं बारिश की संभावना है। इस दौरान पर्वतीय क्षेत्रों में ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फबारी हो सकती है।

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