विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद आज भाजपा के तरफ से चौंकाने वाला फैसला सामने आया। पार्टी के 10 सांसदों ने इस्तीफा दे दिया है। ये वो सांसद हैं, जिन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा और उन्हें जीत हासिल हुई है। इस्तीफा देने वालों में सबसे प्रमुख नाम केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद पटेल का है। उनके अलावा 8 अन्य सांसदों ने भी इस्तीफा दिया है। नरेंद्र सिंह तोमर के पास कृषि मंत्रालय की अहम जिम्मेदारी थी। ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि उनकी जगह कौन लेगा..
भाजपा के एजेंडे में किसान
हाल ही में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्याकर्ताओं को संबोधित करते हुए 4 जातियों की बात की थी। उन्होंने कहा था कि महिला, किसान, युवा और गरीबी 4 जातियां हैं, जिनका विकास करना उनका फोकस है। इसके अलावा जिस तरह सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना सहित दूसरे कृषि रिफॉर्म की बात करती हैं, ऐसे में उसके एजेंडे में किसान हमेशा से प्रमुख वोट बैंक के रूप में हैं। तोमर के बाद मंत्रालय की कमान किसी कद्दावर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी व्यक्ति को ही सौंपी जा सकती है।
रेस में कौन से नाम
वैसे तो अभी तक कोई नाम खुलकर सामने नहीं आया है। लेकिन जिस तरह मंगलवार को शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रेस में नहीं हैं। उससे उनके नाम के भी कयास लगने शुरू हो गए हैं। खास तौर से तब, जब नरेंद्र तोमर और प्रह्लाद पटेल खुद मध्य प्रदेश से आते हैं। और अगर वह केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे रहे हैं, तो निश्चित तौर पर उन्हें मध्य प्रदेश की नई सरकार में अहम जिम्मेदारी मिलने की संभावना है।
ऐसे में शिवराज सिंह चौहान को केंद्र में भेजा सकता है। शिवराज सिंह चौहान की मध्य प्रदेश में किसान हितैषी मुख्यमंत्री की रही है तो उनकी उम्मीदवारी बन सकती है। इसके अलावा मोदी के करीबी नेताओं में से एक भूपेंद्र यादव भी इस रेस में शामिल हो सकते हैं। इसी तरह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी कृषि मंत्री के दावेदार हो सकते हैं। हालांकि एक बात और भी है कि नए मंत्री को अब ज्यादा काम का समय नहीं मिलेगा। क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया अप्रैल से शुरू हो जाएगी।
किन सांसदों ने दिया इस्तीफा
इस्तीफा देने वाले 10 सांसदों में तोमर और पटेल के अलावा जबलपुर के सांसद राकेश सिंह, सीधी की सांसद रीती पाठक, होशंगाबाद के सांसद उदय प्रताप सिंह, राजस्थान के राजसमंद की सांसद दीया कुमारी, जयपुर के सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा, छत्तीसगढ़ के अरुण साव और गोमती सााईं शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ और केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह भी जल्द संसद की सदस्यता से इस्तीफा देंगे। दोनों ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है।
भाजपा ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के विधानसभा चुनावों में कुल 21 सांसदों को उम्मीदवार बनाया था। इनमें से 12 ने जीत दर्ज की है। चुनावी नतीजों के बाद भाजपा ने अभी तक तीनों में से किसी राज्य में घोषणा नहीं की है कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा। आम तौर पर भाजपा संसदीय बोर्ड में मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगती और फिर विधायक दल की बैठक में नेता के चयन की औपचारिकता पूरी की जाती है। विधायक दल की बैठक से पहले पार्टी की ओर से चुनावी राज्यों में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति होती है।