कृषि क्षेत्र में ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) को ड्रोन मुहैया कराएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन दिलाने के लिए 1261 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है।
ड्रोन खरीदने के लिए 15 हजार महिला स्वयं सहायता समूहों को अधिकतम 8 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। सरकार का दावा है कि इससे महिला समूहों को सशक्त बनाने के साथ-साथ कृषि कार्यों में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा। अनुमान है कि महिला समूह किसानों को ड्रोन किराए पर देकर कम से कम एक लाख रुपये सालाना की अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकेंगे। पूरी योजना पर अगले दो साल के दौरान 1261 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
क्या है योजना?
ड्रोन खरीदने के लिए महिला एसएचजी को ड्रोन व सहायक उपकरणों पर 80 फीसदी (अधिकतम 8 लाख रुपये) तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। बाकी 20 फीसदी राशि के लिए राष्ट्रीय कृषि इन्फ्रा फाइनेंस सुविधा (एआईएफ) के तहत लोन मिल सकता है। इस लोन पर 3 फीसदी की ब्याज छूट मिलेगी। अनुमान है कि कृषि के लिए ड्रोन को किराए पर देकर स्वयं सहायता समूह हर साल एक लाख रुपये की अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकेंगे।
इस योजना के लिए ऐसे क्षेत्रों की पहचान की जाएगी, जहां आर्थिक रूप से ड्रोन का उपयोग संभव है। विभिन्न राज्यों में चिन्हित किए गए समूहों में प्रगतिशील 15,000 महिला एसएचजी को ड्रोन प्रदान करने के लिए चुना जाएगा।
मिलेगा प्रशिक्षण
महिला स्वयं सहायता समूह में जिन सदस्यों की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष होगी, पात्रता के आधार पर उन्हें 15 दिवसीय प्रशिक्षण के लिए चुना जाएगा। जिसमें 5 दिन का अनिवार्य ड्रोन पायलट प्रशिक्षण और कृषि उद्देश्य के लिए पोषक तत्वों और कीटनाशकों के प्रयोग का 10 दिवसीय अतिरिक्त प्रशिक्षण शामिल होगा। इसके अलावा स्वयं सहायता समूह को ड्रोन खरीदने, उसकी मरम्मत और रखरखाव में भी मदद की जाएगी। ड्रोन द्वारा नैनो उर्वरकों जैसे नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।