उत्तराखंड में वन्यजीव सप्ताह (1-7 अक्टूबर) के समापन समारोह के दौरान राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले वन कर्मियों और संगठनों को सम्मानित किया। साथ ही मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के उपायों पर चर्चा की गई। राजभवन ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में वन मंत्री सुबोध उनियाल और कृषि मंत्री गणेश जोशी भी शामिल हुए।
इस अवसर पर राज्यपाल ने वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बडोला, प्रभागीय वनाधिकारी इंद्र सिंह नेगी, सहायक वन संरक्षक रवींद्र पुंडीर, उप वन क्षेत्राधिकारी प्रमोद ध्यानी, प्रभारी सहायक वन संरक्षक आरती मैठाणी, वन आरक्षी आनंद सिंह रावत, ललित आर्य, राजीव पांडेय, वन दरोगा धर्मपाल सिंह नेगी, वीर सिंह खरोला, बृजेश विश्मकर्मा, उप राजिक किशोर गोस्वामी, प्रोजेक्ट एसोसिएट प्रशांत कुमार, पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. हिमांशु पांगती तथा ग्राम सुन्यूणा पिथौरागढ़ के ग्राम प्रधान दरपान सिंह मेहरा को सम्मानित किया।

राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में वन्य जीव संरक्षण हेतु वन विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की तथा वन्यजीवों के संरक्षण में आम जनमानस की सहभागिता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में 70 प्रतिशत से अधिक वन क्षेत्र हैं। हमें वन्यजीव और वन संपदा के महत्व को समझना होगा। प्राकृतिक संसाधनों के समूचित उपयोग पर ध्यान देने की जरूरत है।
इस अवसर पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने वन विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि स्थानीय लोगों तथा जनसमान्य के सहयोग के बिना वन एवं वन्यजीवों के संरक्षण हेतु चलाई जा रही योजनाएं फलीभूत नहीं हो सकती हैं। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने वन विभाग के साथ कृषि एवं उद्यान विभाग द्वारा आपसी तालमेल के साथ काम करने पर जोर दिया।
वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से वन्यजीव सप्ताह का आयोजन किया गया। इस दौरान वन विभाग के समस्त प्रभागों एवं वृत्तों में विभिन्न कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। समापन समारोह में राज्यपाल ने कार्बेट टाइगर रिजर्व की फिल्म का अनावरण तथा विभागीय प्रकाशनों का विमोचन किया। इनमें मानव-गुलदार संघर्ष न्यूनीकरण के सम्बन्ध में भारत सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का हिन्दी रूपांतरण, सिक्योर हिमालय परियोजना के अन्तर्गत “ए कंपैडियम ऑफ बेस्ट प्रैक्टिसिस फॉर सिक्योर हिमालय प्रोजेक्ट” तथा सेब के मूल्यवर्धित उत्पाद-जूस एवं जैम बनाने हेतु तकनीकी मार्गदर्शिका शामिल है।
कार्यक्रम में प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) अनूप मलिक, प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव)/मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ० धनंजय मोहन, मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव निशान्त वर्मा व अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
