उत्तराखंड में समूह ‘ग’ की परीक्षाओं में अब इंटरव्यू नहीं होंगे। यह ऐलान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को हल्द्वानी में आयोजित ‘युवा आभार रैली’ में किया। रैली का आयोजन भाजपा युवा मोर्चा ने नकल विरोधी कानून के समर्थन में किया था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि समूह ’ग’ की कोई भी परीक्षा हो। चाहे वह लोक सेवा आयोग से बाहर की हो या लोक सेवा आयोग द्वारा कराई जा रही हो, उनमें साक्षात्कार की व्यवस्था तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाएगी। इसमें तकनीकी और गैर तकनीकी पद भी सम्मिलित होंगे। जेई जैसे तकनीकी पदों में भी साक्षात्कार की व्यवस्था पूर्ण रूप से समाप्त कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीसीएस जैसे उच्च पदों में जहां साक्षात्कार आवश्यक हो, वहां भी साक्षात्कार का प्रतिशत कुल अंकों के 10 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होगा। साक्षात्कार में किसी भी अभ्यर्थी को यदि 40 प्रतिशत से कम और 70 प्रतिशत से अधिक दिए जाते हैं तो साक्षात्कार लेने वाले व्यक्ति या बोर्ड को इसका स्पष्ट कारण बताना होगा।
खंडूरी के कार्यकाल में हुआ था फैसला
उत्तराखंड में वर्ष 2008 में जनरल खंडूरी की सरकार के समय समूह ‘ग’ के पदों के लिए इंटरव्यू खत्म करने का फैसला लिया गया था। लेकिन यह फैसला कई विभागों में लागू नहीं हो पाया। अब राज्य सरकार ने फैसला किया है कि समूह ग में इंटरव्यू की व्यवस्था पूरी तरह समाप्त की जाएगी।
प्रधानमंत्री ने 8 साल पहले किया था ऐलान
साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए छोटी नौकरियों में इंटरव्यू को खत्म करने की बात कही था। उन्होंने राज्य सरकारों से छोटी नौकरियों में इंटरव्यू की अनिवार्यता को समाप्त करने का आग्रह किया था। इसके बाद प्रधानमंत्री ने अक्टूबर, 2015 में ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान ग्रुप-बी (गैर राजपत्रित), ग्रुप-सी और ऐसे ही समकक्ष पदों पर नियुक्ति में इंटरव्यू खत्म करने की घोषणा की। नई व्यवस्था 1 जनवरी, 2016 से लागू हुई। इसके बाद अधिकतर राज्य सरकारों ने भी समूह ग की नौकरियों में इंटरव्यू की व्यवस्था समाप्त कर दी थी।

अगर प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा के आठ साल बाद भी उत्तराखंड में समूह ‘ग’ की नौकरियों में इंटरव्यू की व्यवस्था पूरी तरह समाप्त नहीं हो पायी, तो यह आश्चर्य की बात है।
हल्द्वानी के रामलीला मैदान में बड़ी संख्या में पहुंचे युवाओं का अभिनंदन स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि युवाशक्ति से मिले इस समर्थन से वह अभिभूत हैं। उनकी सरकार के लिए युवाओं का हित सर्वोपरि है। राज्य सरकार किसी भी युवा साथी के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने देगी।
नकल माफिया को नेस्तनाबूद करेंगे: धामी
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कड़ी मेहनत के दम पर परीक्षा देने वाले नौजवान के हक पर कोई डाका न डाले सके, इसके लिए राज्य सरकार कड़े से कड़ा कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून बनाया है। यह कानून नकल माफियाओं को नेस्तनाबूद करने का काम करेगा। नकल में शामिल अपराधियों को आजीवन कारावास होगा, 10 करोड़ तक जुर्माना लगेगा और घोटाले से अर्जित सम्पत्ति को भी जब्त किया जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी के मुताबिक, सरकार भर्ती घोटाले की निष्पक्ष जांच करवा रही है। किसी भी माफिया या अपराधी को छोड़ा नहीं जाएगा। जांच में किसी प्रकार की कमी न रहे, इसके लिए सरकार ने उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति से पूरी जांच की निगरानी करने का अनुरोध किया है। सरकार ने हाल ही में पीसीएस परीक्षा को सफलतापूर्वक संपन्न कराया। इस परीक्षा में एक लाख से अधिक युवाओं ने प्रतिभाग किया था।
