केदारनाथ मंदिर में फोटो खींचने और वीडियोग्राफी का मामला एक बार फिर तूल पकड़ गया है। हाल ही में श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने केदारनाथ मंदिर के अंदर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। मंदिर परिसर में जगह-जगह चेतावनी बोर्ड लगाए गये हैं। लेकिन शनिवार को कथावाचक मोरारी बापू की केदारनाथ गर्भगृह के अंदर की तस्वीर सामने आई। इतना ही नहीं केदारनाथ मंदिर प्रांगण में ‘आज तक’ ने मोरारी बापू को बैठाकर बकायदा उनका इंटरव्यू किया।
‘आज तक’ के एंकर सुधीर चौधरी दो-तीन दिन पहले केदारनाथ मंदिर में सेल्फी और वीडियोग्राफी के खिलाफ लेकर मुहिम चला रहे थे, फोटोग्राफी बैन का श्रेय ले रहे थे, कल वे खुद मंदिर प्रांगण में शान से बैठकर मोरारी बापू के साथ इंटरव्यू की रिकॉर्डिंग कर गये। ना किसी ने रोका, ना टोका! इस प्रकरण को लेकर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति एक बार फिर सवालों के घेरे में है।
सवाल है कि क्या केदारनाथ मंदिर में फोटोग्राफी पर बैन सिर्फ साधारण श्रद्धालुओं के लिए था। वीआईपी इन नियमों की धज्जियां उड़ा सकते हैं? सवाल यह भी उठा कि आखिर सुधीर चौधरी को केदारनाथ मंदिर प्रांगण में कुर्सी डालकर बैठने और इंटरव्यू रिकॉर्ड करने की अनुमति किसने दी? जबकि साधारण श्रद्धालुओं के सेल्फी खींचने पर भी ऐतराज है। मंदिर के गर्भगृह से मोरारी बापू की फोटो कैसे वायरल हुई? इसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि केदारनाथ मंदिर के अंदर मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित किया गया है। इससे मंदिर की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। इस मामले पर सोशल मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति को जब इस घटना का पता चला तो सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। पता चला कि इंदौर निवासी एक श्रद्धालु ने गर्भगृह में मुरारी बापू की फोटो खींची और सोशल मीडिया पर डाल दी। उससे फोटो डिलीट करवाई गई। लिखित माफी और 11 हजार रुपये के विशेष दान की पर्ची कटवाकर मामले को रफा-दफा कर दिया। जबकि फोटोग्राफी निषेध के साइन बोर्ड में कानूनी कार्रवाई की बात लिखी है। जिस तरह एक प्राईवेट न्यूज चैनल के लिए केदारनाथ मंदिर के प्रागण का इस्तेमाल किया गया, उसे लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और केदारनाथ के पूर्व विधायक मनोज रावत ने मोरारी बापू का फोटो प्रसारित होने पर सवाल खड़े किए हैं।
