उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन के कारण चार धाम यात्रा मार्ग बार-बार अवरुद्ध हो रहे हैं। ऋषिकेश-बद्रीनाथ नेशनल हाईवे की हालत सबसे ज्यादा खराब है जो पिछले एक सप्ताह में कई जगह मलबा आने और सड़क बह जाने से बाधित रहा है। मार्गों से मलबा हाटकर रास्ते खोलने में प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। बड़ी संख्या में यात्री रास्तों में फंसे रहे।
पिछले दिनों बद्रीनाथ हाईवे गौचर के पास कमेड़ा में करीब 100 मीटर सड़क वॉशहाउस होने की वजह से बंद हो गया था। कई दिनों की कोशिशों के बाद यह मार्ग किसी तरह सुचारू हुआ तो लामबगड़ नाले के पास सड़का का करीब 50 मीटर हिस्सा वॉश आउट हो गया। खचड़ू नाले के उफान पर आने के कारण पहाड़ी से मलबा और बोल्डर आने से बद्रीनाथ हाईवे पर यातायात बाधित रहा। कर्णप्रयाग में बाबा आश्रम के पास पहाड़ी से पत्थर और मलबा गिरने से बद्रीनाथ हाईवे अवरुद्ध हो रहा है। बद्रीनाथ राष्ट्रीय हाईवे नन्दप्रयाग और छिनका के पास मलबा आने के कारण सड़क मार्ग अवरूद्ध रहा।
हालांकि, अवरुद्ध मार्गों को प्रशासन, बीआरओ और एनएच की टीम दिन-रात मेहनत कर जल्द से जल्द खोलने का प्रयास करती है, लेकिन चार धाम मार्ग पर लगातार भूस्खलन चिंता का विषय है। रास्ते बंद होने के कारण बहुत से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। यात्री कई-कई घंटे भूखे-प्यासे अटके रहे।
डाबरकोट के पास बाधित यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात हेतु सुचारू कर दिया गया, मगर उक्त स्थान पर पहाड़ी से पत्थर आने की संभावना लगातार बनी हुई है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग धरासू के पास मलबा आने के कारण अवरुद्ध हुआ। चार धाम मार्गों की इस हालत से ऑल वेदर रोड को लेकर किए गये दावों पर भी सवाल उठ रहे हैं। अधिकांश मार्गों को यातायात के लिए सुचारू कर लिया गया है, लेकिन भूस्खलन की आशंका बनी हुई है।
बद्रीनाथ हाईवे अवरुद्ध होने के कारण जिन वैकल्पिक रास्तों से यात्रियों को जाने का सुझाव दिया जा रहा है, उनकी हालत भी खराब है। उत्तराखंड में फिलहाल कई स्टेट हाईवे समेत 200 से अधिक सड़कें बंद हैं।
