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अमूल ने बढ़ाए दूध के दाम, भैंस का दूध अब 70 रु. लीटर

दूध उत्पादन की बढ़ती लागत और आपूर्ति में कमी के कारण बढ़े दूध के दाम

अमूल ब्रांड से उत्पाद बेचने वाली देश की सबसे बड़ी डेयरी संस्था गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) ने दूध के दाम 3 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ा दिए हैं। अमूल की ओर से जारी बयान के अनुसार, अब अमूल ताजा का दाम 54 रुपये, अमूल गोल्ड 66 रुपये, अमूल गाय का दूध 56 रुपये और अमूल ए2 भैंस का दूध 70 रुपये प्रति लीटर हो गया है। यह बढ़ोतरी गुजरात के अलावा पूरे देश में 3 फरवरी से लागू होगी।

इससे पहले मार्च, अक्टूबर और अगस्त में अमूल ने दूध के दाम दो-दो रुपये प्रति लीटर बढ़ाए थे। पिछले एक साल में दूध के दाम 8-9 रुपये बढ़ चुके हैं। इससे पहले दूध की कीमतों में ऐसी बढ़ोतरी साल 2013-14 में देखी गई थी। दूध की कीमतें बढ़ने के पीछे पशुचारे का महंगा होना, दूध उत्पादन की बढ़ती लागत और संचालन से जुड़े खर्चों में बढ़ोतरी को वजह बताया जा रहा है।

इंडियन डेयरी एसोसिएशन के अध्यक्ष आरएस सोढ़ी का कहना है कि दूध उत्पादन में पशुपालकों की लागत करीब 25 से 30 फीसदी बढ़ गई है। अगर किसानों को उचित दाम नहीं मिलेगा तो उनका गुजारा कैसे होगा। इसलिए दूध की कीमतों में बढ़ोतरी को महंगाई की बजाय किसानों की आय में बढ़ोतरी के नजरिये से देखा जाना चाहिए।

पशुओं में लंपी बीमारी के प्रकोप ने भी पशुपालकों की कमर तोड़ दी। इसका असर दूध उत्पादन और लागत पर पड़ा है। एक तरफ पशुओं के इलाज पर खर्च करना पड़ा जबकि दूसरी तरफ पशुओं की दूध देने की क्षमता घट गई। किसानों के लिए पशुपालन घाटे का सौदा साबित होता जा रहा है। ऐसे में डेयरी कंपनियों को किसानों से दूध खरीदने के लिए ज्यादा दाम देना पड़ रहा है।

दूध का गणित बिगड़ने के पीछे कोरोना भी बड़ी वजह है। कोरोना काल में दूध की मांग में भारी गिरावट आई थी जिसके चलते दूध के दाम गिरे थे। इस बीच, पशुचारे की कीमतों में भारी वृद्धि हुई। इससे भी पशुपालक हतोत्साहित हुए और दूध की आपूर्ति घटने लगी। इसलिए डेयरी कंपनियों के सामने दूध की आपूर्ति को बनाया रखना मुश्किल होता जा रहा है।

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