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मेरठ में आत्मदाह करने वाले किसान की मौत, वन विभाग पर जमीन हड़पने का आरोप

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के मवाना में आत्मदाह करने वाले किसान की दर्दनाक मौत हो गई है। शुक्रवार को किसान जगबीर ने एसडीएम ऑफिस में खुद को आग के हवाले कर दिया था। मृतक किसान जगबीर का दावा था कि सकी भूमि को सरकारी बताकर उस पर वन विभाग ने कब्जा कर लिया था। शनिवार अपराह्न उनकी मौत हो गयी। अधिकारी ने बताया कि किसान की पहचान अलीपुर मोरना निवासी जगबीर (53) के तौर पर की गयी है, जिसने मवाना के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) कार्यालय के सामने शुक्रवार को आग लगा कर आत्मदाह करने का प्रयास किया था।

ईलाज के दौरान तोड़ा दम

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी ने बताया आग में बुरी तरह झुलसे किसान को पहले सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र में भर्ती कराया गया था और बेहतर उपचार के लिये मेरठ भेजा गया था, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई । जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा है कि मृतक किसान के परिजनों को शासन से हर संभव मदद दिलाने के लिए हम बात कर रहे हैं। हम खुद भी मदद कर रहे हैं, क्योंकि जगबीर कृषक था इसलिए दुर्घटना योजना का भी (अनुदान) मिलेगा और उनके परिवार से बात चल रही है। जो भी मदद होगी शासन से वह की जाएगी।

बेटा टावर पर चढ़ा

उधर, किसान की मौत होने से पहले अलीपुर मोरना गांव में जगबीर का छोटा बेटा आकाश गांव में लगे टावर पर चढ़ गया था। जिलाधिकारी ने बताया कि गांव में प्रशासनिक अधिकारी गांव की पंचायत में ग्रामीणों से बात कर रहे थे तभी किसान का बेटा टावर पर चढ़ गया था। उसको भी समझा-बुझा कर नीचे उतार लिया गया है।जगबीर की मौत की खबर सुनते ही परिजनों में आक्रोश फैल गया। परिजन मवाना जाकर धरना-प्रदर्शन की जिद पर अड़े हैं, जबकि कुछ ग्रामीण पीड़ित परिवार को समझाने की कोशिश में लगे हैं।प्रशासनिक अधिकारियों ने मृतक जगबीर के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। परिजनों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी तब तक वह उसका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।एसडीएम अखिलेश यादव ने ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया था। साथ ही कहा कि इस मामले में निष्पक्षता से पूरी जांच कराई जाएगी।

लोकदल का प्रतिनिधि मंडल अस्पताल पहुंचा

इस बीच, राष्ट्रीय लोकदल द्वारा एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित किसान के परिवार से मिलने के लिए मेरठ के अस्‍पताल में पंहुचा था, जिसमें मुख्य रूप से पूर्व मंत्री डॉ. मेराजुद्दीन अहमद, राष्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार सांगवान समेत कई प्रमुख नेता थे। रालोद नेताओं ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि राष्ट्रीय लोकदल आपके साथ है। जिलाधिकारी मीणा ने पूरे मामले में बताया कि असल में यह घटना बृहस्पतिवार की उस घटना के परिप्रेक्ष्य में हुई है, जिसमें वन विभाग की एक जमीन (खसरा संख्या 854) पर जगबीर का कब्जा पाया गया। वन विभाग द्वारा तहसील दिवस पर प्राप्त शिकायतों के क्रम में राजस्व की टीम के साथ मौके पर जाकर कब्जा की गई जमीन को कब्जा मुक्त करा कर जमीन को वन विभाग को दे दिया।

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