पिथौरागढ़। उत्तराखंड के कई इलाकों में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। पिथौरागढ़ जिले की दारमा घाटी में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते कई ग्रामीण जंगल में फंस गए, जिन्हें बड़ी मुश्किल से निकाला गया। ये लोग जंगल में कीड़ा जड़ी निकालने के लिए गए थे। उफनते नाले को रस्सी के सहारे पार कर किसी तरह वे अपने गांव पहुंचे। दारमा घाटी में मूसलाधार बारिश के कारण थोपा नाले का जलस्तर बढ़ गया और पहाड़ी से मलबा आने के कारण रास्ते बंद हो गये।
धौली नदी के किनारे चल गांव को जोड़ने वाली ट्रॉली बारिश और मलबे की चपेट में आकर ध्वस्त हो गई। इससे लगभग 50 परिवारों का संपर्क आसपास के इलाको से कट गया। गांव के कुछ लोग कीड़ा जड़ी निकालने के लिए जंगल में गए हुए थे लेकिन रास्ता बंद होने के कारण उन्हें उफनती नाले को रस्सी के सहारे पार करना पड़ा।
ग्राम प्रधान सरस्वती देवी का कहना है कि 2013 की आपदा में लोहे का पुल बह गया था। तब से अब तक यह पुल नहीं बनाया गया है। जिस वजह से हर साल बरसात के समय परेशानी होती है। प्रवास पर आने और वापस लौटते समय ग्रामीणों को दो बार लकड़ी का पुल बनाना पड़ता है।
