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पर्यावरण

हरियाणा में बाढ़ के हालात, सैकड़ों गांव जलमग्न, खेती को नुकसान

पिछले कई दिनों से उत्तर भारत में भारी बारिश से कई राज्यों में बाढ़ के हालत पैदा हो गए हैं।

पिछले कई दिनों से उत्तर भारत में जारी भारी बारिश से कई राज्यों में बाढ़ के हालत पैदा हो गए हैं। हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में जनजीवन प्रभावित हुआ है। मानसून और पश्चिमी विक्षोभ एक साथ आने के कारण लगातार बारिश हो रही है। खेतों में पानी भरने से फसलें खराब हो रही हैं। किसानों पर मौसम की यह नई मार है।

हरियाणा जीटी रोड बेल्ट के छह जिलों में 600 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं। अंबाला जिले की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। अंबाला में तीन दिन में रिकॉर्ड 451 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है जो पूरे सीजन की बारिश के बराबर है। बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ और सेना की मदद ली जा रही है। लगातार बारिश और बाढ़ से लोगों के सामने बिजली-पानी और खाने-पीने की चीजों का संकट खड़ा हो गया है। अंबाला में स्कूलों की छुट्‌टियां 15 जुलाई तक बढ़ा दी गई हैं।

हिमाचल में भारी बारिश से हरियाणा में नदियां उफान पर हैं। हरियाणा में लगभग तीन दशक बाद ऐसे भीषण बाढ़ आई है। यमुनानगर जिले के हथिनीकुंड बैराज से मंगलवार को 3 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ने के बाद दिल्ली, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया। यमुना खतरे के निशान के करीब बह रही है। कुरुक्षेत्र में सरस्वती नदी का पानी कई क्षेत्रों में भर गया। हजारों एकड़ खेतों में पानी भरने से फसलों को नुकसान के अलावा पशुओं के लिए चारे का संकट पैदा हो गया है।

बारिश और जलभराव के कारण अंबाला में जीटी रोड को बंद कर दिया गया। अंबाला से कनेक्ट होने वाले सात प्रमुख मार्ग बंद हैं। इससे अंबाला होते हुए पंजाब, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई रेलगाड़ियों को रास्ते में ही रोकना पड़ा रहा है। कैथल में घग्गर नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। राज्य में अब तक बारिश के कारण अलग-अलग हादसों में 9 लोगों की मौत हो चुकी है।

यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल और पानीपत में भी भारी बारिश से बाढ़ के हालत बन गये हैं। यमुना, घग्गर, मारकंडा, सरस्वती और टांगरी नदी उफान पर हैं। पानीपत के नन्हेड़ा गांव में एक बांध टूटने से कई गांवों में पानी भर गया और हजारों एकड़ फसल डूब गई। यमुनानगर के कई गांवों में लोगों को ट्रैक्टर ट्रालियों से सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। करनाल और पानीपत के गांवों में यमुना का पानी भर गया है। हाल में धान की रोपाई वाले खेतों में पानी भरने से किसानों को डबल नुकसान हुआ है। अधिक दिनों तक खेतों में पानी जमा रहा तो धान की रोपाई दोबारा करनी पड़ सकती है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहल लाल ने बारिश और बाढ़ के हालात को लेकर सोमवार को आधिकारियों की आपात बैठक बुलाई। इससे पहले उन्होंने पंचकूला के कौशल्या डैम का निरीक्षण भी किया। प्रभावित लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 1070, 1077, 112, 0172-2545938 जारी किए गये हैं। अधिकारियों को ग्राउंड पर रहने के निर्देश दिए हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों को रेस्क्यू करने के साथ-साथ उनके खाने व स्वास्थ्य सुविधाएं दिलाने को कहा है। पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर और कुरुक्षेत्र जिलों में निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को हटाया जा रहा है।

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