संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी गारंटी बनाने, कर्ज जाल से छुटकारा और विद्युतीकरण के निजीकरण पर रोक लगाने से जुड़ी मांगों को लेकर एक अहम बैठक करने जा रहा है। यह अगले साल जनवरी में पंजाब में आयोजित की जाएगी। मोर्चा मंथन के लिए पंजाब में आखिल भारतीय सम्मेलन आयोजित करेगा। इस बैठक में कृषि संकट को दूर करने के लिए वैकल्पिक नीतियों पर चर्चा की जाएगी और इस पर भी निर्णय लिया जाएगा कि क्या किसानों के चल रहे संघर्ष को तेज किया जाए।
क्या है तैयारी
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी गारंटी बनाने हमारी सबसे अहम मांग है, जिसे अभी भी पूरा नहीं किया गया है। इसके अलावा किसान कर्ज के जाल से कैसे छुटकारा पाय और विद्युतीकरण का निजीकरण नहीं हो इसको लेकर एक अहम निर्णय का समय आ गया है। इसी के मद्देनजर यह सम्मेलन होगा। सम्मेलन में कृषि संकट को दूर करने के लिए वैकल्पिक नीतियों पर चर्चा की जाएगी और इस पर भी निर्णय लिया जाएगा कि क्या किसानों के चल रहे संघर्ष को तेज किया जाए।
पंजाब सरकार बना चुकी है कमेटी
पंजाब सरकार ने किसानों के लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए एक समिति का गठन कर दिया है। कमेटी निरस्त किए जा चुके, कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने सहित किसानों की दूसरी मांगों पर अपने सुझाव देगी। पंजाब सरकार ने इसी तरह किसानों की एक प्रमुख मांग मानते हुए राज्य में बिजली वितरण का काम किसी निजी एजेंसी को नहीं देने का भरोसा दिलाया है।