प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) के तहत ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करवाने के लिए अब किसानों को भटकना नहीं पड़ेगा। कृषि मंत्रालय ने फेस ऑथेंटिकेशन फीचर के साथ पीएम-किसान मोबाइल ऐप लांच किया है। इसकी मदद से किसान ओटीपी या फिंगरप्रिंट के बिना मोबाइल फोन पर अपना चेहरा स्कैन कर ई-केवाईसी करा सकेंगे। केंद्र सरकार की किसी योजना में पहली बार फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसका पायलट परीक्षण 21 मई को शुरू हुआ था, जिसके तहत 3 लाख किसानों के ई-केवाईसी सफलतापूर्वक हो चुके हैं।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फेस ऑथेंटिकेशन फीचर वाले पीएम-किसान मोबाइल ऐप को आधुनिक टेक्नालॉजी का बेहतरीन उदाहरण बताते हुए कहा कि इससे किसानों को काफी सुविधा मिलेगी। फेस ऑथेंटिकेशन फीचर का उपयोग कर किसान आसानी से बिना ओटीपी या फिंगरप्रिंट के अपना फेस स्कैन कर ई-केवाईसी पूरा कर सकते हैं। साथ ही 100 अन्य किसानों को भी उनका ई-केवाईसी करने में मदद कर सकेंगे।
नई दिल्ली के कृषि भवन में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि पीएम-किसान भारत सरकार की बहुत ही व्यापक और महत्वाकांक्षी योजना है, जिसमें राज्य सरकारों ने अहम भूमिका निभाई है। इसी का परिणाम है कि लगभग 8.5 करोड़ किसानों को हम योजना की किस्त देने की स्थिति में हैं। यह प्लेटफार्म जितना परिमार्जित होगा, वह पीएम-किसान योजना के काम तो आएगा ही, साथ ही जब कभी किसानों को कोई लाभ देना होगा तो सरकार के पास पूरा डेटा उपलब्ध रहेगा।
11 करोड़ किसान लाभान्वित
2019 में शुरू हुई पीएम-किसान दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजनाओं में से एक है। इसके तहत किसानों के खातों में दो-दो हजार रुपये की तीन किस्तों में प्रतिवर्ष 6000 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है। अब तक 13 किस्तें दी जा चुकी हैं और 14वीं किस्त का इंतजार है। कुल 2.42 लाख करोड़ रुपये की धनराशि 11 करोड़ से ज्यादा किसानों के खातों में पहुंच चुकी है, जिनमें 3 करोड़ से अधिक महिलाएं हैं। कोविड में लॉकडाउन के दौरान किसानों के लिए पीएम-किसान योजना मददगार साबित हुई थी। पीएम-किसान की 13वीं किस्त 8.1 करोड़ से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में आधार इनेबल पेमेंट के जरिए पहुंचाई गई थी।
दूर होंगी ई-केवाईसी की दिक्कतें
पीएम-किसान योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को केवाईसी करवाना पड़ता है। यह जन सेवा केंद्रों पर बायोमेट्रिक्स अथवा मोबाइल फोन पर ओटीपी के जरिए होता है। कई किसानों का मोबाइल नंबर उनके आधार से लिंक नहीं होता है जबकि कई किसानों के फिंगरप्रिंट साफ ना होने की वजह से बायोमेट्रिक्स में दिक्कतें आती हैं। फेस ऑथेंटिकेशन की सुविधा मिलने से दूरदराज के किसानों और बुजुर्गों को ई-केवाईसी कराने में आसानी होगी। पीएम-किसान एप के जरिए योजना से जुड़े विभिन्न जानकारियां भी प्राप्त की जा सकती हैं।
