चावल की बेलगाम होती कीमतों को देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला किया है। अब खुदरा व्यापारी, थोक कारोबारी और मिलर को शुक्रवार (9 फरवरी) से चावल के स्टॉक की जानकारी देनी होगी। चावल बासमती हो या गैर बासमती या टुकड़ा चावल सभी की व्यापारियों की इसकी जानकारी जरूर देनी होगी। यही नहीं अगर कीमतों पर कंट्रोल नहीं हुआ तो सरकार चावल की स्टॉक लिमिट तय कर सकती है। कारोबारियों को पोर्टल पर स्टॉक की जानकारी देनी होगी।
क्यों सरकार ने जारी किए निर्देश
केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विभिन्न किस्मों के निर्यात पर पाबंदियों के बावजूद पिछले एक साल में चावल की खुदरा और थोक कीमतों में करीब 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सरकार को शिकायतों के आधार पर इस बात का अंदेशा है कि व्यापारी चावल की जमाखोरी कर रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने चावल के स्टॉक की जानकारी देने के लिए कहा है। इसके अलावा चोपड़ा ने यह भी कहा कि सरकार की चावल निर्यात पर पाबंदियां जल्द हटाने की कोई योजना नहीं है। कीमत कम होने तक पाबंदियां जारी रहेंगी। व्यापारियों को हर शुक्रवार को चावल के स्टॉक की जानकारी देनी होगी।
सरकार बेचेगी 29 रुपये में भारत चावल
इसके अलावा शुक्रवार को सरकार कीमतों को नियंत्रित करने के लिए दो सहकारी समितियों भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नाफेड) और भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) के साथ-साथ केन्द्रीय भंडार के जरिए खुदरा बाजार में रियायत वाले ‘भारत चावल’ को 29 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचने का फैसला किया है। अगले सप्ताह से ‘भारत चावल’ के पांच किलोग्राम और 10 किलोग्राम के ‘पैकेट’ उपलब्ध होंगे। चोपड़ा ने कहा कि पहले चरण में सरकार ने खुदरा बाजार में बिक्री के लिए पांच लाख टन चावल आवंटित किया है।