धान खरीद को लेकर केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच टकराव बढ़ गया है। केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल शुक्रवार को अचानक छत्तीसगढ़ पहुंचे। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर धान खरीद को लेकर झूठ बोलने और लोगों को भ्रमित करने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय मंत्री के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए पलटवार किया।
रायपुर में मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार पिछले वर्ष के लिए आवंटित चावल का अपना कोटा एफसीआई को जमा कराने में विफल रही है। इसके बावजूद इस साल कोटा बढ़ाने की मांग कर रही है। गोयल ने आश्चर्य जताया कि उन्हें लिखे पत्र में मुख्यमंत्री बघेल ने राज्य द्वारा केंद्रीय पूल के तहत चावल का कोटा 61 लाख टन से बढ़ाकर 86.50 लाख टन करने की मांग की है। जबकि राज्य सरकार पिछले साल निर्धारित 61 लाख टन के मुकाबले अब तक केवल 53 लाख टन चावल की आपूर्ति एफसीआई को कर पाई है।
गोयल ने सवाल उठाया कि जब छत्तीसगढ़ सरकार पिछले साल के लिए आवंटित चावल का पूरा कोटा एफसीआई को जमा नहीं कर पाई तो इस साल कोटा बढ़ाने की मांग कैसे कर सकती है? उन्होंने कहा कि पिछले खरीफ सीजन में राज्य में 138 लाख टन धान की खरीद का अनुमान था, लेकिन 107 लाख टन धान खरीदा गया। राज्य में इस साल 136 लाख टन धान खरीद का अनुमान है, जो पिछले साल की अनुमानित मात्रा से भी कम है। राज्य में धान खरीद घट रही है और मुख्यमंत्री पत्र लिख रहे हैं कि हमसे डेढ़ गुना चावल लीजिए। जबकि धान की खरीद घट रही है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चुनौती देते हुए कहा कि पहले पिछले साल के 61 लाख टन चावल का हिसाब दें। जो धान किसानों से खरीदी गई वो कहां है? 61 लाख टन का टारगेट पूरा करें। इस साल 86 क्या 100 लाख टन चावल भेजिए, केंद्र सरकार एक-एक किलो चावल खरीदने को तैयार है। चुनावी हार सामने देखकर जनता को भ्रमित करना बंद कीजिए। गोयल ने छत्तीसगढ़ में करीब 65 हजार टन अनाज की गड़बड़ी की बात भी कही है।
भूपेश बघेल का पलटवार
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार करते हुए कहा कि चुनाव को देखते हुए बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं। बघेल ने कहा, “पिछली बार भी केंद्र सरकार के अधिकारियों की टीम जांच करके गई थी। हमने आधार कार्ड से लेकर राशन कार्ड तक सब कुछ लिंक कर दिया है। सभी को राशन मिल रहा है। जिन दुकानों में कमियां पाई गईं, वहां राज्य सरकार पहले ही कार्रवाई कर चुकी है। अब वे सिर्फ चुनाव को देखते हुए आरोप लगाए जा रहे हैं।”
