उत्तराखंड में अन्य राज्यों के लोगों की बढ़ती तादाद को देखते हुए स्थानीय हितों को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी ने आउटसोर्स के पदों पर स्थानीय युवाओं को ही रोजगार देने की मांग की है। इस मुद्दे को उन्होंने विधानसभा में भी उठाया। विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पुष्पकर सिंह धामी को शिकस्त देने वाले भुवन कापड़ी पेपर लीक कांड और सरकारी भर्तियों में धांधली के मुद्दे पर भी काफी मुखर रहे हैं।
असलीभारत.कॉम से बातचीत में भुवन कापड़ी ने कहा कि प्रदेश के सरकारी विभागों में समूह ग स्तर के तमाम पद नियमित भर्तियों की बजाय आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से भरे जा रहे हैं। लेकिन ज्यादातर आउटसोर्स एजेंसियां बाहरी राज्यों से होने के कारण स्थानीय युवाओं को मौका नहीं मिल पा रहा है। उत्तराखंड में आउटसोर्सिंग के पदों पर बड़ी संख्या में अन्य राज्यों के लोग नौकरी कर रहे हैं। यह उत्तराखंड के हितों के खिलाफ है, इसलिए आउटसोर्स पदों पर शत-प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर युवाओं को लामबंद करना जरूरी है।
उत्तराखंड के राज्य बनने के बाद आया डेमोग्राफिक बदलाव एक बड़ा मुद्दा है। पलायन की मार झेल रहे प्रदेश के पर्वतीय जनपदों में गांव खाली हो रहे हैं और जनसंख्या वृद्धि की रफ्तार धीमी है, वहीं मैदानी क्षेत्रों में आबादी काफी तेजी से बढ़ी है। प्रदेश के पर्वतीय जनपदों के अलावा बाहरी राज्यों से भी लोग देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी और काशीपुर जैसे नगरों में आ रहे हैं। प्रदेश की नौकरियों में भी दूसरे राज्यों के लोगों की तादाद बढ़ी है। इसलिए अब आउटसोर्सिंग की नौकरियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की मांग उठ रही है। उत्तराखंड में स्थानीय हितों की रक्षा के लिए मूल निवास लागू करने और सशक्त भूकानून बनाने की मांग भी उठ रही है।
