मध्य प्रदेश में एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा ने सत्ता हासिल कर ली है। शिवराज सिंह चौहान के हाथों में राज्य की कमान करीब 15 वर्षों से है। और यह कारनामा करने वाले वह भाजपा के पहले मुख्यमंत्री हैं। एक बार फिर मिली जीत के बाद, यह सबसे बड़ा सवाल है कि ऐसा क्या है कि शिवराज सिंह चौहान लगातार जीतते आ रहे हैं ? शिवराज सिंह की सफलता के पीछे एक बड़ा किसान वोट बैंक है, जिसने उनके कार्यकाल में काफी बदलाव देखा है। शिवराज सिंह चौहान के दौर में राज्य में कृषि क्षेत्र में कई ऐसे काम हुए हैं, जिसने न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार किया है, बल्कि किसानों को भी रिफॉर्म के फायदे मिले हैं। और उनकी कमाई बढ़ाई है।
कृषि में सबसे तेज ग्रोथ रेट वाला राज्य
राज्य की साल 2005-06 से लेकर 2016-17 के दौरान कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर औसतन 8.1 फीसदी रही है। वहीं पिछल10 साल के दौरान कृषि क्षेत्र में ग्रोथ की बात की जाय तो यह औसतन 6.1 फीसदी की दर से बढ़ी है। जबकि पूरे देश के स्तर पर यह 3.9 फीसदी रही है। इसी तरह मध्य प्रदेश देश का इकलौता ऐसा राज्य है जहां पर कृषि क्षेत्र की राज्य की जीडीपी में 18 फीसदी से बढ़कर 40 फीसदी तक पहुंच गई है।
राज्य की सिंचाई क्षमता में पिछले 20 साल में करीब 7 गुना इजाफा हुआ है। साल 2003 में राज्य में सिर्फ 7.5 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित थी। जो अब करीब 47 लाख हेक्टेयर पहुंच गई है। और सकल फसल बुआई क्षेत्र की 45 फीसदी जमीन सिंचित क्षेत्र में आ गई है। इसी तरह एक खेत से साल में कई बार उत्पादन लेने के मामले में राज्य ने तेजी से बढ़ोतरी की है। ऐसे खेतों की संख्या में पिछले 20 साल में 48 फीसदी का इजाफा हुआ है।
गेहू्ं उत्पादन और सरकारी खरीद में भी बना मिसाल
गेहूं का उत्पादन 350 लाख मिट्रिक टन पार कर चुका है। एमएसपी पर सरकारी खरीद में राज्य ने लंबी छलांग लगाई है। एमएसपी पर गेहूं की होने वाली खरीद में राज्य की हिस्सेदारी 33 फीसदी (2019-20 ) तक पहुंच चुकी है। और मई 2022 में राज्य में 44,45,964 टन गेहूं की एमएसपी पर खरीद की गई। इसके अलावा किसानों को एमएसपी रेट से 150 रुपये अतिरिक्त बोनस के रूप में दिए जा रहे हैं।
राज्य पूरे देश में दालों के उत्पादन में पहले स्थान पर है। दालों के उत्पादन में राज्य की 32 फीसदी हिस्सेदारी, तिलहन की 22 फीसदी और अनाज के उत्पादन में 12 फीसदी हिस्सेदारी है।
किसानों के हाथ में डायरेक्ट पैसा
राज्य के किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिलने वाला 6000 रुपये की राशि के अलावा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत 6000 रुपये अतिरिक्त राशि दी जाती है। यानी साल में 12 हजार रुपये किसानों को मिलते हैं। इसके अलावा भावांतर योजना के तहत गेहूं के अलावा दूसरी फसलों पर एमएसपी और बाजार कीमत के अंतर की भरपाई सरकार करती है। इस तरह किसानों की कमाई में तेजी बढ़ोतरी हुई है।