हरिद्वार के किसान गुरदेव सिंह ने मछली पालन में मिसाल कायम की है। उन्होंने मछली पालन के जरिए प्रति एकड़ कमाई 1.50 लाख रुपये तक पहुंचा दी है। इसके पहले उन्हें इसी जमीन से केवल 60 हजार रुपये की कमाई होती थी। यानी गुरदेव सिंह की प्रति एकड़ कमाई करीब 90 हजार रुपये तक बढ़ गई। उनके काम की चर्चा इतनी फैली कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके काम की प्रशंसा की है। आइए यह समझने की कोशिश करते हैं कि गुरदेव सिंह ने कैसे अपनी कमाई बढ़ाई।
कैसे बढ़ी कमाई
गुरदेव सिंह ने जब मछली पालन के लिए सोचा, तो उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के जरिए सरकार से सब्सिडी ली और उसके जरिए बिजनेस शुरू किया है। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना को मछली उत्पादन, उत्पादकता और गुणवत्ता से लेकर टेक्नोलॉजी और जरूरी इंफ्रास्ट्रक्टर तैयार करने, बिक्री और मार्केटिंग के लिए तैयार किया गया है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार मछली पालन करने पर किसानों और मछुआरों 60 को प्रतिशत तक सब्सिडी या फिर दो लाख तक की छूट देती है। साथ ही किसानों और मछुआरों को सरकार द्वारा लोन भी दिया जाता है।
क्या है प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना
इस योजना के तहत क्रेडिट कार्ड धारक किसानों और मछुआरों को बिना किसी गारंटी के 2 लाख तक का लोन केवल 7 प्रतिशत की ब्याज दर से दिया जाता है। महिलाओं और अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को मछली पालन बिजनेस शुरू करने के लिए 60 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है, जबकि सामान्य वर्ग के तहत आने वाले पुरूषों को 40 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है। योजना का लाभ एफपीओ, मछली सहकारी समितियां, स्वयं सहायता समूह, कारोबारी वर्ग के लोग भी उठा सकते हैं।
कैसे मिलेगा फायदा, कहां करें संपर्क
योजना का लाभ लेने के लिए प्रोजेक्ट के लिए विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करनी होगी। इसके बाद जिला मत्स्य अधिकारी के पास आवेदन करना होगा। आवेदक की उम्र 18-60 वर्ष तक होनी चाहिए। योजना के बारे में विस्तार से जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें..