नए साल से पहले ही चीनी मिलों को बड़ा तोहफा मिल गया है। सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनियों ने सी-हैवी शीरा से बने एथेनॉल के लिए 6.87 रुपये प्रति लीटर के प्रोत्साहन का ऐलान कर दिया है। इसके बाद चीनी मिलों के लिए सी-हेवी शीरे से बने एथेनॉल की कीमत 56.28 रुपये प्रति लीटर हो गई है। अभी यह 49.41 रुपये प्रति लीटर थी। बढ़ी हुई कीमत एक नवंबर 2023 से लागू होगी। लेकिन यह बढ़ी हुई कीमत आपूर्ति वर्ष 2023-24 के लिए होगी। इस फैसले से चीनी कंपनियों की कमाई बढ़ेगी और सरकार को उम्मीद है कि चीनी मिलें इसका फायदा किसानों को समय से भुगतान के रूप में देंगी। आयात निर्भरता में कटौती और ग्रीन पहल के तहत तेल कंपनियां पेट्रोल में 12 प्रतिशत तक एथेनॉल का मिश्रण कर रही हैं। जो सीधे चीनी मिलों से एथेनॉल खरीदती है।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने क्या कहा
पेट्रोलियम मंत्रालय ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि सी-हैवी श्रेणी के शीरा से बने एथेनॉल उत्पादन को अधिकतम करने और एथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल कार्यक्रम के लिए एथेनॉल की समग्र उपलब्धता बढ़ाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने सी-हैवी शीरा से बने इथेनॉल के लिए 6.87 रुपये प्रति लीटर के प्रोत्साहन की घोषणा की है। सी-हैवी श्रेणी का शीरा चीनी मिलों का एक उप-उत्पाद है। इस फैसले के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों- इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने इस शीरे पर प्रोत्साहन राशि देगी। कंपनियों ने कहा प्रोत्साहन राशि पिछले इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) के खरीद मूल्य 49.41 रुपये प्रति लीटर के ऊपर दी जाएगी।
उद्योग जगत ने की सराहना
चीनी उद्योग निकाय इस्मा ने पेट्रोलियम कंपनियों के फैसले की सराहना की है। संगठन के अध्यक्ष एम प्रभाकर राव ने एक बयान में कहा कि इस अनिश्चित समय में उद्योग को बेहतर ढंग से आगे बढ़ने में मदद करने और समय पर गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित करने, घाटे को कम करने और इथेनॉल उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
सरकार कुछ दिनों में तय करेगी एथेनॉल की कीमत
बी-हैवी श्रेणी के शीरा और जूस से बनने वाले इथेनॉल की कीमतें सरकार कुछ दिनों में तय करेगी। सरकार जूस या बी-हैवी एथेनॉल के आवंटन के बदले सी-हैवी से अतिरिक्त एथेनॉल की पेशकश कर सकती है। इसके पहले गन्ने के जूस से सीधे एथेनॉल बनाने पर सरकार ने रोक लगा दी थी। जिसके चलते आवंटित मात्रा की भरपाई चीनी मिलें सी-हैवी मोलेसेज से बनने वाले एथेनॉल की अतिरिक्त आपूर्ति के जरिये कर सकती हैं।