अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म आपको अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए डार्क पैटर्न का सहारा नहीं ले सकेंगे। डार्क पैटर्न ग्राहकों को गुमराह करने का एक ऐसा तरीका है जिससे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अपनी बिक्री बढ़ाते हैं। असल में डार्क पैटर्न में शॉपिंग के दौरान प्लेटफॉर्म पर सबकुछ सामान्य लगता है, मगर वो होता नहीं है। प्लेटफॉर्म इसके जरिए ग्राहकों को यह दिखाते हैं कि स्टॉक खत्म होने वाला है या उनके पास 2-3 ही आइटम बचे हैं। मगर अब सरकार ने इसके खिलाफ सख्त कदम उठाया है।
देश के प्रमुख उपभोक्ता निगरानी संगठन, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने डार्क पैटर्न की रोकथाम और रेगुलेशन के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिया है हैं। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 18 के तहत जारी किए गए डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन, 2023 के लिए दिशानिर्देश, 30 नवंबर को जारी कर दिए हैं।
उपभोक्ताओं को होगा फायदा
नए दिशानिर्देश सभी ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर लागू होंगे, जिसमें विज्ञापनदाता और विक्रेता शामिल हैं। इन दिशानिर्देशों से डार्क पैटर्न पर रोक लगेगी। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने न्यूज एजेंसी को बताया कि ई-कॉमर्स बढ़ने के साथ ही उपभोक्ताओं को उनकी खरीदारी के विकल्पों और व्यवहार में हेरफेर करके गुमराह करने के लिए मंचों द्वारा डार्क पैटर्न का तेजी से इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नए दिशानिर्देश भी हितधारकों – खरीदारों, विक्रेताओं, बाजारों और नियामकों के लिए स्पष्टता लाएंगे।
इनका उल्लंघन करने वाला उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उत्तरदायी होगा। नए दिशानिर्देशों के मुताबिक भ्रामक विज्ञापन या अनुचित व्यापार व्यवहार माना जाएगा। ऐसा करने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार जुर्माना लगाया जाएगा।
क्या होता है डॉर्क पैटर्न
इसके तहत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ग्राहकों को उनकी जरूरत के उत्पादों की जानबूझ कर कमी दिखाते हैं।
यूजर की सहमति के बिना उत्पादों, सेवाओं, डोनेशन के लिए भुगतान या दान जैसी अतिरिक्त चीजों को शामिल करते हैं।
यूजर को किसी वेबसाइट पर विजिट नहीं करने दिया जाता, जब तक कि वह कोई सामान न चुने
सब्सक्रिप्शन के लिए अलग-अलग तरीकों से फंसाना
इसमें यूजर के पसंदीदा सामान की बजाय कोई और सामान देकर कहा जाता है
शॉपिंग के बीच में पूछा जाता है कि डिस्काउंट और नई चीजों पर अपडेट चाहेंगे
कंपनियां इस तरह के करीब 13 प्रचलित तरीकों को सबसे ज्यादा अपनाती हैं।