सरकार अंतरिम बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए कृषि लोन लक्ष्य को 22-25 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने की घोषणा कर सकती है। चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार का कृषि-लोन लक्ष्य 20 लाख करोड़ रुपये है। अभी तक 16 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज दिया जा चुका है। यानी अभी 82 फीसदी का लक्ष्य पूरा हुआ है। मार्च तक करीब 3.63 करोड़ रुपये लक्ष्य पूरा करना है। वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान, कुल कृषि लोन वितरण 21.55 लाख करोड़ रुपये था। चुनावी साल को देखते हुए सरकार कर्ज वितरण के लिए 10-20 फीसदी तक बजट बढ़ा सकती है।
इस बार भी लक्ष्य से ज्यादा ऋण
सरकार के आंकड़ों के अनुसार कि चालू वित्तवर्ष में, दिसंबर 2023 तक 20 लाख करोड़ रुपये के कृषि-लोन लक्ष्य का लगभग 82 प्रतिशत हासिल कर लिया गया है। इस दौरान प्राइवेट और सार्वजनिक दोनों बैंकों द्वारा लगभग 16.37 लाख करोड़ रुपये का लोन वितरित किया गया है। सूत्रों का कहना है कि कृषि-लोन वितरण इस वित्तवर्ष में भी लक्ष्य से अधिक होने की संभावना है। वित्तवर्ष 2022-23 के दौरान, कुल कृषि लोन वितरण 21.55 लाख करोड़ रुपये था। यह इस अवधि के लिए रखे गए 18.50 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य से अधिक था। इसे देखते हुए वित्तवर्ष 2024-25 के लिए कृषि-लोन लक्ष्य बढ़कर 22-25 लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है।
किसान क्रेडिट कार्ड से कितना लोन
आंकड़ों के अनुसार, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के नेटवर्क के जरिए 7.34 करोड़ किसानों ने लोन प्राप्त किया है। 31 मार्च 2023 तक करीब 8.85 लाख करोड़ रुपये बकाया था। इस समय सरकार सभी वित्तीय संस्थानों के लिए तीन लाख रुपये तक के अल्पकालिक कृषि लोन पर दो प्रतिशत की ब्याज छूट प्रदान करती है। इसका मतलब है कि किसानों को प्रति वर्ष सात प्रतिशत की रियायती दर पर तीन लाख रुपये तक का कृषि लोन मिल रहा है।
समय पर भुगतान करने वाले किसानों को प्रति वर्ष तीन प्रतिशत की अतिरिक्त ब्याज छूट मिलती है। किसान दीर्घकालिक लोन भी ले सकते हैं लेकिन ब्याज दर बाजार दर के अनुसार होती है। इसके अलावा सरकार छूटे हुए पात्र किसानों की पहचान करने और उन्हें लोन नेटवर्क में लाने के लिए कई अभियान चला रही है। दावा है कि पिछले 10 वर्षों में विभिन्न कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए लोन वितरण लक्ष्य से अधिक रहा है।