छत्तीसगढ़ के किसान अब प्रति एकड़ 21 क्विंटल की दर से धान की बिक्री कर सकेंगे। राज्य सरकार ने 20 दिसंबर को जारी फैसले में कहा कि अब किसानों से 21 क्विटल प्रति एकड़ की दर से सरकारी खरीद की जाएगी। नए आदेश को एक नवंबर से प्रभावी माना जाएगा। ऐसे में जिन किसानों ने पहले ही धान एमएसपी पर बेच दिया है। वह भी नई सीमा के तहत अपनी धान को सरकारी खरीद में शामिल कर सकेंगे। भाजपा ने इसके पहले अपने चुनावी घोषणापत्र में प्रति एकड़ 20 क्विटल धान की सीमा को बढ़ाकर 21 क्विंटल करने का वादा किया था। उसी आधार पर यह फैसला लिया गया है। हालांकि अभी चुनावी वादे के तहत धान खरीद पर बोनस को लेकर असमंजस है और किसान, वादे के अनुसार 25 दिसंबर का इंतजार कर रहे हैं।
खाद्य विभाग ने जारी किया आदेश
छत्तीसगढ़ के सभी मंडल आयुक्तों और जिलाधिकारियों को जारी आदेश में कहा गया है कि धान खरीदी नीति में बदलाव किया गया है। और किसानों से धान की अधिकतम सीमा को बढ़ाकर 21 क्विंटल प्रति एकड़ कर दिया गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में धान खरीद को लेकर कृषि उन्नति योजना शुरू करने की बात कही थी। इसके अलावा 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का वादा किया था। ऐसे में अब किसानों को नए फैसले का इंतजार है।
भाजपा ने किसानों से किए थे ये वादे
भाजपा ने अपने चुनावी घोषण पत्र में दो साल का बकाया बोनस पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर को देने का वादा किया है। इसके अलावा 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का वादा किया है। अब इसी को लेकर राज्य के किसानों में असमंजस है। क्योंकि 25 दिसंबर अब बेहद नजदीक है। और जो खरीद हो रही है वह पुराने रेट पर ही हो रही है। साथ ही बोनस की राशि 25 दिसंबर को मिलेगी या नहीं, इसका भी किसानों को इंतजार है। इस संबंध में सरकार के तरफ से यह दावा किया जा रहा है कि बोनस को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है।