पिछले दस साल में औसत कृषि विकास दर 3.7 फीसदी रही है। जबकि 2023 में इसमें 4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कृषि क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था का आधार है। और उसकी देश के जीवीए में हिस्सेदारी 18 फीसदी पहुंचने का अनुमान है।वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार की गई अर्थव्यवस्था समीक्षा में यह बातें कही गई हैं। रिपोर्ट के अनुसार रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 23 के लिए कुल खाद्यान्न उत्पादन 32.97 करोड़ टन रहा है। जो उसके साल पहले की तुलना में 1.41 करोड़ टन ज्यादा है। समीक्षा के अनुसार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) , प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) , प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएम-केएमवाई), जैसी नीतिगत पहलों ने किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अलावा समीक्षा में दावा किया गया है कि सरकार ने एमएसपी के तहत कवर की गई प्रत्येक फसल के लिए अखिल भारतीय औसत उत्पादन लागत पर न्यूनतम 50 प्रतिशत मार्जिन सुनिश्चित किया है।
रिकॉर्ड एमएसपी देने की बात
अर्थव्यवस्था समीक्षा में कहा गया है कि वैश्विक स्वास्थ्य संकट और जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद कृषि क्षेत्र ने उल्लेखनीय दृढ़ता और लचीलेपन का प्रदर्शन किया है। जिससे भारत की आर्थिक सुधार और विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिला है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 22 खरीफ और रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में लगातार वृद्धि की गई है।इसमें कहा गया है कि कृषि वर्ष 2018-19 के बाद से सरकार ने एमएसपी के तहत कवर की गई प्रत्येक फसल के लिए अखिल भारतीय औसत उत्पादन लागत पर न्यूनतम 50 प्रतिशत मार्जिन सुनिश्चित किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मूल्य समर्थन का उद्देश्य भारत की आयात निर्भरता को कम करना और दालों, तेल और वाणिज्यिक फसलों के प्रति विविधीकरण को बढ़ावा देना भी है।
ये योजनाएं कारगर
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएम-केएमवाई), प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) जैसी नीतिगत पहलों ने किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पीएम किसान तक 12 दिसंबर, 2023 तक 11 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 2.8 लाख करोड़ से अधिक हस्तांतरित किए जा चुके हैं। इसी तरह सरकार पीएम-केएमवाई के तहत नामांकित 23.4 लाख छोटे और सीमांत किसानों को पेंशन लाभ प्रदान करती है।रिपोर्ट में कहा गया है कि फसल बीमा योजना के तहत 2016-17 से बीमाकृत 55.5 करोड़ किसानों को दावों के रूप में 21.5 लाख करोड़ का भुगतान हुआ है।