उत्तर प्रदेश में जल्द ही 100 नये बायोगैस प्लांट लगाए जाएंगे। इसके तहत अब तक 37 प्लांट की स्थापना के लिए भूमि चयन आदि की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। ये बायो गैस प्लांट पराली की समस्या से निपटने में भी मदद करेंगे। यह जानकारी केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दी है। शनिवार को बदायूं में कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट का लोकार्पण भी किया गया। बदायूं कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट से हर दिन लगभग 14 टन कंप्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन होगा। बदायूं के अलावा जौनपुर, अमेठी, सीतापुर, फतेहपुर, बहराइच, बरेली, कन्नौज में सीबीजी प्लांट लगाए जाएंगे।
बायोगैस प्लांट से क्या होगा फायदा
लोकार्पण समारोह के दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जल्द ही 100 नये बायोगैस संयंत्र स्थापित किये जाएंगे। अब तक 37 संयंत्र की स्थापना के लिए भूमि चयन आदि की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। करीब 135 करोड़ रुपयों के निवेश से 50 एकड़ में विकसित बदायूं संयंत्र में हर दिन लगभग 14 टन कंप्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन होगा। प्रतिदिन 100 मीट्रिक टन धान की पराली का उपयोग बायो गैस बनाने के लिए होगा। पुरी ने कहा कि बायो गैस पराली की समस्या से निपटने के लिए भी बेहद काम आएगी।
इससे पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वेस्ट टू वेल्थ की परिकल्पना के अनुसार बायो गैस बेहतरीन विकल्प है। यह एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में स्मॉग की समस्या का समाधान तो है ही, किसानों की आमदनी बढ़ाने का माध्यम भी है।
20 करोड़ तक का मिलता है अनुदान
संवाददाता सम्मेलन में पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन ने बताया कि कंप्रेस्ड बायो गैस संयंत्र की स्थापना के लिए उप्र में बायो ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए 20 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिए जाने की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि यूपी में इस सेक्टर में बेहतर करने के लिए अनुकूल अवसर है। यहां पराली भी है और उसे लेकर नीतियां भी है। ऐसे में रोजगार के भी अवसर पैदा होंगे। राज्य सरकार का दावा है कि प्रत्येक प्लांट से सीधे सीधे 100 से अधिक लोगों को नौकरियां मिलेंगी।