देश में चीनी का उत्पादन गिरने का अनुमान है। चालू सीजन (अक्टूबर-सितंबर 2023-24) में सालाना आधार पर चीनी उत्पादन चार प्रतिशत घटकर 3.16 करोड़ टन रहने का अनुमान है। ऐसे में 57 लाख टन के शुरुआती भंडार के साथ देश में चीनी की उपलब्धता 3.73 करोड़ टन होने की संभावना है। जो कि कुल अनुमानित घरेलू खपत से 2.9 करोड़ टन से ज्यादा होगा। ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन (AISTA) के अनुमान के अनुसार 2023-24 सीजन में चीनी का अंतिम भंडार करीब 82 लाख टन होगा।
पहला अनुमान जारी
ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन ने सोमवार को अपना पहला उत्पादन अनुमान जारी करते हुए कहा कि 3.16 करोड़ टन के अनुमानित चीनी उत्पादन और 57 लाख टन के शुरुआती भंडार के साथ देश में चीनी की उपलब्धता 3.73 करोड़ टन होने की संभावना है। यह अनुमानित घरेलू खपत 2.9 करोड़ टन से अधिक है।
एआईएसटीए के चेयरमैन प्रफुल्ल विठलानी ने कहा कि पहला अनुमान इस्तेमाल किए गए गन्ने की मात्रा, अब तक प्राप्त उपज तथा वसूली दर, शेष खड़ी फसल तथा इथेनॉल के उत्पादन उत्पादन के लिए ‘सुक्रोज’ के विविधीकरण को ध्यान में रखते हुए लगाया गया है।उन्होंने कहा कि उत्पादन अनुमान में तीन प्रतिशत का अंतर हो सकता है।
यूपी में उत्पादन बढ़ा लेकिन महाराष्ट्र में घटा
देश के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन पिछले सीजन में हुए 10.7 मिलियन टन से अधिक होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2023-24 सीजन में उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन 1.17 करोड़ टन से अधिक होने का अनुमान जताया गया है।
एआईएसटीए ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गुड़ और खांडसारी इकाइयों को गन्ने का डायवर्जन पिछले सीजन की तुलना में अधिक है, क्योंकि वे किसानों को अधिक गन्ना मूल्य दे रहे हैं। कुल मिलाकर, यूपी में फसल अच्छी है और मिलों के मार्च के अंत तक चलने की उम्मीद है और जलवायु परिवर्तन, कोहरे के मौसम और कम धूप के कारण अप्रैल के पहले पखवाड़े तक मिल चल सकती हैं। जबकि देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में उत्पादन 96 लाख टन होने का अनुमान है। जबकि पिछले सीजन में यह 10.7 मिलियन टन था।