पंजाब सरकार ने किसानों के लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए एक समिति का गठन कर दिया है। कमेटी निरस्त किए जा चुके, कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने सहित किसानों की दूसरी मांगों पर अपने सुझाव देगी। समिति का नेतृत्व कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां करेंगे। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और किसान संघों के प्रतिनिधि तथा कृषि विशेषज्ञ इसके सदस्य होंगे। समिति 31 मार्च तक अपनी रिपोर्ट सौपेगी। इसके पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को राज्य के 32 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की थी।
बैठक में किसानों के साथ इन मुद्दों पर हुई बात
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि किसानों के लिए एक जनवरी से 13 अप्रैल तक विशेष मुहिम चलाई जाएगी। इसमें जमीन का सहमति से बंटवारा करने के लिए गांवों में विशेष कैंप लगाए जाएंगे। इसके तहत अगर किसानों का जमीन के स्वामित्व का कोई विवाद होगा तो वहां जमीन का स्वामित्व कब्जे के आधार पर कर दिया जाएगा।
नए खाते खोलने पर रोक हटाई
सरकार ने एक अन्य फैसले में गांवों में सहकारी सभाओं में नए खाते खोलने पर लगी रोक हटाने का भी ऐलान किया । किसान अब इन सभाओं में अपने खाते खोल सकेंगे। इसी तरह सरहिंद फीडर पर पानी मुहैया करवाने के लिए लगाए गए 242 लिफ्ट पंपों को एक जनवरी से मुफ्त बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा है कि बिजली के वितरण का काम किसी प्राइवेट एजेंसी को नहीं दिया जाएगा।
बैठक के अहम फैसले
-31 मार्च तक किसानों के सभी बकाया मुआवजे जारी होंगे
-सहकारी सभाओं में खाते खोलने पर रोक हटी
-स्वामित्व के विवाद में फैसला जमीन के कब्जे के आधार पर
-बिजली वितरण का काम किसी निजी एजेंसी को नहीं