केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली राशि में बढ़ोतरी का कोई प्रस्ताव नहीं है। अभी योजना के तहत सालाना 6,000 रुपये दिए जाते हैं। साथ ही तोमर ने यह भी कहा है कि योजना में 2 करोड़ फर्जी नाम भी निकले हैं। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कृषि मंत्री ने कहा कि इस समय पीएम-किसान योजना की राशि 6,000 रुपये से बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। केंद्र सरकार ने दिसंबर 2018 में इस योजना को लागू किया था जिसके तहत किसानों के बैंक खातों में हर साल 6,000 रुपये की राशि 2,000 रुपये की तीन किस्तों में हस्तांतरित की जाती है।
2 करोड़ नाम फर्जी निकले
तोमर ने अपने उत्तर में यह भी बताया कि केंद्र ने अब तक 11 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में 2.81 लाख करोड़ रुपये इस योजना के तहत डीबीटी माध्यम से हस्तांतरित किए हैं।ग्रामीण विकास राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान एक सदस्य के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि ‘पीएम-किसान’ के तहत राज्य सरकारों से करीब 11 करोड़ किसानों की सूची केंद्र को मिली थी जिनमें दो करोड़ नाम फर्जी निकले थे। उन्होंने कहा कि सरकार की इच्छा है कि किसान सम्मान निधि योजना को अधिकतम स्तर पर लाया जाए, यानी देश के समस्त किसानों को इसका लाभ मिले और इस दिशा में काम हो रहा है।
तीन कृषि कानूनों पर अभी सिफारिशें नहीं आई
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने यह भी कहा कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों (वापस लिए जा चुके) के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के बाद एमएसपी समेत अनेक मुद्दों पर अध्ययन के लिए समिति का गठन किया गया था जो अब तक 30 से 35 बैठकें कर चुकी है। उन्होंने कहा कि समिति की सिफारिशें अभी नहीं आई हैं। तोमर ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग ने 201 सिफारिशें की थीं। उन्होंने कहा कि इनमें से राजग सरकार 100 पर काम कर रही है।