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यूपी: गन्ने के एसएपी में 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी, किसान संगठनों ने बताया निराशानजक

यूपी के गन्ना किसानों के लिए अहम खबर है। उत्तर प्रदेश सरकार ने पेराई सीजन शुरू होने के करीब साढ़े तीन महीने बाद गन्ने के मूल्य में 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी कर दी है। नई बढ़ोतरी के बाद यूपी में सामान्य गन्ने का मूल्य 360 रुपये प्रति क्विंटल और अगेती प्रजाति के गन्ने का मूल्य 370 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। हालांकि किसानों के लिए खेती की बढ़ती लागत को देखते हुए यह बढ़ोतरी थोड़ा निराशाजनक जरूर है। क्योंकि किसान सरकार से कहीं ज्यादा बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे थे। यह बढ़ोतरी इसलिए भी नाकाफी हो जाती है क्योंकि सरकार ने एक तरफ गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी की है तो दूसरी तरफ गन्ने के परिवहन चार्ज में भी 45 पैसे प्रति क्विंटल  की बढ़ोतरी कर दी है। जो कि अधिकतम 9 रुपये प्रति क्विंटल  तय किया गया है।

सरकार बोली किसानों के खाते में 2200 करोड़ अतिरिक्त आएंगे

बृहस्पितवार को कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने कार्यकाल में अब तक गन्ने के समर्थन मूल्य में 55 रुपये तक की बढ़ोतरी की है। और नई बढ़ोतरी से किसानों के खाते में 2200 करोड़ रुपये अतिरिक्त पहुंचेंगे। राज्य में इस समय करीब 120 मिल चल रही हैं। और उसमें से 40 मिल साप्ताहिक रूप से गन्ने का पेमेंट कर रही हैं। खन्ना के अनुसार मौजूदा सीजन का करीब 86 फीसदी पेमेंट किया जा चुका है। जबकि पिछले सत्र में 98 फीसदी पेमेंट किया जा चुका है। परिवहन चार्ज में बढ़ोतरी का बचाव करते हुए खन्ना ने कहा कि किसानों पर 39 करोड़ का भार बढ़ेगा, जबकि किसानों के खाते में 2200 करोड़ रुपये जाएगा।

नाकाफी क्यों है बढ़ोतरी

राज्य में करीब 29 लाख हेक्टेअर में गन्ने का उत्पादन होता है। और 42 लाख परिवार गन्ने की खेती से जुड़े हुए हैं। उसकी वजह यह है कि पिछले 6 साल में एसएपी में 55 रुपये प्रति क्विटंल की बढ़ोतरी हुई है। वहीं इसकी तुलना में गन्ना किसानों के उत्पादन लागत में भारी इजाफा हुआ है। डीजल की कीमतें करीब 20 रुपये प्रति लीटर बढ़ी हैं। बिजली,कीटनाशकों के दाम काफी बढ़े हैं। इसके साथ ही उर्वरकों के दाम और मजदूरी की लागत भी बढ़ी है। साथ ही परिवहन चार्ज भी बढ़ा दिया है। रेट बढ़ोतरी को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने निराशाजनक बताया है। उनका कहना है कि खेती पर प्रतिदिन बढ़ते हुए खर्च को देखते हुए इस बार किसान को आशा थी की गन्ने का मूल्य 400 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक घोषित होना चाहिए था।

दूसरे राज्यों में क्या है रेट

इसके पहले यूपी सरकार ने साल 2021 में गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी की थी। राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले 2021 तक 35 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की थी। उस समय अगेती गन्ने का मूल्य 315 रुपये प्रति क्विंटल तक रेट थे। अब नए फैसले के बाद यूपी के रेट दूसरे राज्यों की तुलना में देखे जाए, तो वह पंजाब के बाद सबसे ज्यादा रेट देने वाला राज्य हो गया है। हरियाणा गन्ने का एसएपी 362 रुपये प्रति क्विटंल है। वहीं पंजाब में एसएपी 380 रुपये प्रति क्विंटल है।

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