Connect with us

Hi, what are you looking for?

English

कृषि

उत्तराखंड में पशुपालकों के सामने पशु चारे का संकट

देहरादून। कालसी स्थित राजकीय पशुधन एवं दुग्धशाला प्रक्षेत्र में कॉम्पेक्ट फीड का उत्पादन रुकने से पशु पालकों के सामने पशु चारे का संकट खड़ा हो गया है। पशुपालकों ने विभाग से शीघ्र कॉम्पेक्ट फीड उपलब्ध कराने की मांग की है।

प्रगतिशील किसान समिति ने पशुपालन विभाग के सचिव को ज्ञापन भेजकर कहा है कि कॉम्पेक्ट फीड का उत्पादन और इसे पशुलोक ऋषिकेश तक ले जाने के टेंडर का कार्य अब तक पूरा नहीं हो पाया है। इस कारण कॉम्पेक्ट फीड का संकट खड़ा हो गया है। इस बीच प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है, जिस कारण विभाग टेंडर नहीं खोल पा रहा है।

दूसरी तरफ कॉम्पेक्ट फीड न होने से पशुपालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। जिससे कई जगह दुधारु पशुओं के लिए चारा का संकट खड़ा हो गया है। इसलिए चुनाव आयोग से समन्वय बनाते हुए, जल्द से जल्द टेंडर प्रक्रिया पूरी की जाए। ताकि कॉम्पेक्ट फीड की आपूर्ति प्रारंभ हो सके। समिति ने कहा है कि चारे की उपलब्धता से दुग्ध उत्पादन भी घट गया है। जिस कारण उपभोक्ताओं को भी संकट का सामना करना पड़ रहा है।

सरकारी केंद्र पर कॉम्पेक्ट फीड ब्लॉक का उत्पादन और ढुलाई का काम रुकने से पशुपालकों को महंगा भूसा खरीदना पड़ रहा है। भूसे के दाम 7 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 13-14 रुपये तक पहुंच गए हैं। ऐसे हालात में भी उत्तराखंड पशुधन विकास बोर्ड पशुपालकों को भूसा भेलि और उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। पशुओं का चारा चुनाव आचार संहिता और विभागीय प्रक्रियाओं में फंस गया है।

संबंधित पोस्ट

संघर्ष

ऐतिहासिक किसान आंदोलन में अहम भूमिका निभाने के बाद से किसान नेता राकेश टिकैत घर नहीं बैठे। वे लगातार देश भर में घूमकर किसानों...

पहल

ग्रामीण महिलाओं के साथ कोऑपरेटिव और MSME के जरिए उद्यमिता की नई उड़ान भरने की तैयारी 

संघर्ष

संयुक्त किसान मोर्चा, राजस्थान के जयपुर में हुए राज्य सम्मेलन में आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों की रणनीति और भावी आंदोलन की रूपरेखा तय...

नीति

उत्तराखंड के पर्वतीय जनपदों में सड़कों से अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर चल रहा है। पहाड़ के शांत कस्बों में ध्वस्त मकानों का मलबा...