Connect with us

Hi, what are you looking for?

English

कृषि

वनस्पति तेलों के आयात में 16 फीसदी की बढ़ोतरी, कम इंपोर्ट ड्यूटी से बढ़ी आयात-निर्भरता

त्योहारी सीजन की डिमांड ने वनस्पति तेल की मांग में बढ़ोतरी कर दी है। देश का वनस्पति तेल आयात अक्टूबर, 2023 में समाप्त तेल वर्ष में 16 प्रतिशत बढ़कर 167.1 लाख टन हो गया। तेल वर्ष 2022-23 के दौरान कुल वनस्पति तेल आयात में खाद्य तेलों का आयात 164.7 लाख टन रहा है। जबकि गैर-खाद्य तेल का हिस्सा केवल 2.4 लाख टन है। इसके पहले तेल वर्ष 2021-22 में 144.1 लाख टन खाद्य तेल का आयात किया गया था। भारत दुनिया में वनस्पति तेल का अग्रणी खरीदारों में से एक है।

कम ड्यूटी से बढ़ी डिमांड

मुंबई स्थित सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार, तेल वर्ष 2022-23 के दौरान खाद्य तेलों का आयात बढ़कर 164.7 लाख टन हो गया है। पिछले वर्ष की तुलना में 24.4 लाख टन की बढ़ोतरी हुई है। आयात बढ़ने की वजह कच्चे पाम तेल, सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क कम होना भी एक प्रमुख वजह है। इस समय खाद्य तेलों पर 5.5 प्रतिशत आयात शुल्क लगता है।

पाम ऑयल की ज्यादा डिमांड

आयात में इस बढ़ोतरी में आरबीडी पामोलिन आयात कुल पाम तेल आयात का 25 प्रतिशत से अधिक है, जो घरेलू रिफाइनिंग उद्योग को काफी प्रभावित कर रहा है। ये उद्योग अपनी स्थापित क्षमता का इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है। एसईए ने कहा कि कुछ खाद्य तेलों पर कम शुल्क की वजह से आयात में तेजी आई है। एसईए ने कहा कि मूल्य के अनुसार देश का खाद्य तेल आयात 2022-23 में 1.38 लाख करोड़ रुपये रहा, जो 2021-22 में 1.57 लाख करोड़ रुपये था।

तेल-तिलहन बाजारों में बीते सप्ताह मूंगफली तेल-तिलहन की कीमतों में गिरावट आई। इसके अलावा बाकी सभी तेल-तिलहनों के भाव में मजबूती देखी गई। बाजार के अनुसार मूंगफली में गिरावट का कारण सस्ते आयातित खाद्यतेलों के मुकाबले मूंगफली तेल तिलहन का भाव लगभग दोगुना होना है जिसकी वजह से लिवाली प्रभावित हुई है।

संबंधित पोस्ट

संघर्ष

ऐतिहासिक किसान आंदोलन में अहम भूमिका निभाने के बाद से किसान नेता राकेश टिकैत घर नहीं बैठे। वे लगातार देश भर में घूमकर किसानों...

पहल

ग्रामीण महिलाओं के साथ कोऑपरेटिव और MSME के जरिए उद्यमिता की नई उड़ान भरने की तैयारी 

संघर्ष

संयुक्त किसान मोर्चा, राजस्थान के जयपुर में हुए राज्य सम्मेलन में आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों की रणनीति और भावी आंदोलन की रूपरेखा तय...

नीति

उत्तराखंड के पर्वतीय जनपदों में सड़कों से अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर चल रहा है। पहाड़ के शांत कस्बों में ध्वस्त मकानों का मलबा...